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लाखों कि दवाइयों को जलाया बीएमओ को ख़बर तक नहीं, मस्तूरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मामला पढ़े पूरी ख़बर….

खुले में फेके गए दवाएं और सर्जिकल आइटम से आमजन के साथ स्वास्थ्यकर्मियों को भी संक्रमण का ख़तरा


दवाओं को निजी क्लिनिक और निजी दवा दुकानों में सप्लाई का लग चूका है आरोप


खुद को बचाने जला दिया दवाइयों को, रास्ते में चलना वहाँ रहना बेहाल

बिलासपुर (सैय्यद निजामुद्दीन) – बिलासपुर जिले में मस्तूरी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आए दिन ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जो सरकारी सिस्टम को आईना दिखाने का काम करते हैं। जिसमें ताजा मामला कल का ही है जिसमें 2 अक्टूबर को स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को स्वच्छता पखवाड़े का समापन भी होता है। इसके तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मस्तूरी में कल फोटो खिचवाने और कलेक्टर साहेब कि नज़र में अच्छा बनने के चक्कर में थूक पलिस किया गया। और नाम मात्र के लिए स्वच्छता अभियान चलाया गया। जब मस्तूरी स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया गया तब पता चला कि केवल रजिस्टर मेंटेन करने और स्वच्छता अभियान हेतु मिले पैसे का बंदरबाँट करने के लिए ये सब किया गया क्योंकि समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मस्तूरी के लैब के पीछे पुरे कचरे का ढेर पड़ा हुआ है जिसमें एक्सपायरी हुई दवाओं के साथ सर्जिकल उपयोग वाले ब्लेड, गलब्स को रास्ते में ही फेंक दिया साथ ही सुई सीरिंज को भी खुले में फेंका गया है। जिससे वहाँ आने जाने वाले लोगों को भारी समस्या होती है और संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। आपको बता दे कि एक्सपाइरी दवाओं को डिस्पोज करने के लिए सरकार ने नियम बना रखे हैं। लेकिन जिला अस्पताल प्रबंधन ने नियमों का पालन ना करते हुए लोगो को और बीमार व संक्रमित करने का फैसला किया है।



ज्यादातर फेंकी गई दवाएं काफी महंगी हैं –
इनमें टेबलेट्स के साथ इंजेक्शन और कई तरह के सर्जिकल आइटम को फेका गया है और खुद को बचाने के लिए इन्हें जला दिया गया है किन्तु कुछ चीज़े नहीं जल पायी है जिससे ये पता चल पाया कि किस तरह इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाओं को फेका जाता है।

निजी क्लिनिक और डिस्पेंसरी में होती है सरकारी दवाइयों कि सप्लाई –
बताया जा रहा है कि क्षेत्र में क्लीनिक या डिस्पेंसरी के नाम पर बड़े पैमाने पर दवाओं की हेराफेरी की जा रही है। इनमें कई ऐसी दवाएं है जो पावरलेस होते हुए भी अवैध तरीके से बेचे जा रहे है। लोग दवाओं का सेवन करते रहते हैं लेकिन उनकी सेहत या रोग पर इन दवाओं का कोई असर नहीं देखा जाता है। एक्सपायरी दवाओं को नष्ट कर दिया जाना होता है किन्तु यहाँ दवाओं कि सप्लाई कुछ लोगों कि मिलीभगत से कि जा रही है।

राहगीरों और लैब वालों को हो रही परेशानी –
जिस स्थान पर ये सब कचरा डंप किया गया है उसके बगल में रास्ता है और साथ ही लगा हुआ भवन है जहाँ खून जाँच किया जाता है। इन कचरों कि बदबू से आने जाने और लैब में जाँच करवाने वालों के साथ लैब में काम करने वालों को भी काफ़ी परेशानी होती है।

कल साफ सफाई कि गई है निर्माण कार्य चालू है इस वजह से धूल मिट्टी जमीं है जिसे साफ नहीं किया जा सकता। दवाइयों और सर्जिकल आइटम कहाँ फेकें गए है मुझे जानकारी नहीं है। आज ऑफिस के काम से बाहर हूँ आऊंगा तो देखता हूँ – बीएमओ मस्तूरी

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