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एनएसयूआई छात्रनेता पुष्पराज साहू के नेतृत्व में डी.पी. विप्र महाविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन सौंप 5 दिन में 1180 अध्ययनरत छात्रों की स्थिति स्पष्ट करने दिया अल्टीमेटम, छात्रों के भविष्य पर उठाए सवाल, प्रिंसपल बोली मैं  आमरण अनशन करूंगी

बिलासपुर, 26 मार्च 2025। राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने बुधवार को डी.पी. विप्र महाविद्यालय, बिलासपुर के प्रबंधन को एक ज्ञापन सौंपकर 1180 छात्र-छात्राओं के भविष्य से जुड़े गंभीर सवाल उठाए। संगठन ने महाविद्यालय प्रशासन द्वारा स्वशासी (ऑटोनॉमस) स्थिति के दावे के तहत आयोजित परीक्षा और घोषित परिणामों की वैधता पर सवाल खड़े किए हैं। एनएसयूआई ने प्रबंधन को 5 दिनों का अल्टीमेटम दिया है, जिसमें स्थिति स्पष्ट करने की मांग की गई है, अन्यथा महाविद्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी गई है। इधर कॉलेज की प्रिंसपल डॉ अंजू शुक्ला छात्र नेताओं से कहती दिखाई कि यदि कुलपति ADN बाजपेई डीपी कॉलेज को ऑटोनॉमस की मान्यता देने से इनकार करते हैं तो वह खुद आमरण अनशन करेगी और छात्रों को उनका अधिकार दिलाएगा।

एनएसयूआई का कहना है कि महाविद्यालय प्रशासन ने हाल ही में स्वयं को स्वशासी घोषित करते हुए परीक्षा आयोजित की और परिणाम घोषित किए, जबकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने महाविद्यालय को स्वशासी का दर्जा नहीं दिया है और न ही परीक्षा आयोजन के लिए कोई दिशा-निर्देश जारी किया है। विश्वविद्यालय ने इस परीक्षा को अमान्य घोषित करते हुए कॉपियों की जांच करने वाले चेकर्स के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। इसके बावजूद, महाविद्यालय ने परिणाम जारी कर दिए, जिससे छात्रों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।

ज्ञापन सौंपते हुए एनएसयूआई के छात्रनेता पुष्पराज साहू ने कहा, “छात्रों के सामने यह सवाल है कि उनके परिणाम और सर्टिफिकेट वैध हैं या नहीं। महाविद्यालय प्रशासन ने सैकड़ों छात्रों के भविष्य को दांव पर लगा दिया है।” संगठन ने प्राचार्य से 5 दिनों के भीतर लिखित जवाब मांगा है, जिसमें परिणामों की वैधता, भविष्य की जिम्मेदारी और न्यायालय के फैसले के नकारात्मक होने की स्थिति में कदमों को स्पष्ट करने की मांग की गई है।

एनएसयूआई प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने चेतावनी दी कि यदि समय पर जवाब नहीं मिला, तो वे सैकड़ों छात्रों के साथ महाविद्यालय का घेराव करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी महाविद्यालय प्रशासन की होगी। “हम छात्रों के हित में चुप नहीं बैठेंगे। प्रशासन को तुरंत जवाब देना होगा, वरना आंदोलन तय है।”

इस मौके पर एनएसयूआई के कई छात्रनेता एवं अध्ययनरत छात्र मौजूद रहे। महाविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह मामला अब स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है, और छात्र समुदाय अगले कदम का इंतजार कर रहा है।
इन सब विषय पर ज्ञापन लेने से पहले तो महाविद्यालय प्रशासन हिचकिचा रही थी बाद में दबाव बढ़ने पर बड़ी मुश्किल से ज्ञापन लेते हुए बोले कि मामला न्यायालय में है 1तारीख को फैसला आ जाएगा बाकी कुछ बोलने और छात्रहित के मुद्दे पर बोलने से बचते हुए दिखे डीपी विप्र महाविद्यालय प्रशासन ,
ज्ञापन सौंपते हुए छात्रनेता करन यादव, सुमित ठाकुर, अंशु गोस्वामी, बिट्टू पाठक, प्रदीप सिंह, अभिषेक, हर्ष,सोनू सहित छात्र छात्राएं मौजूद रहे ।

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