00 बस्तर विश्वविद्यालय में 59 शैक्षणिक पदों की भर्ती पर उठा विवाद
00 कुलपति पर पीएचडी धारक के लिए नियम विरुद्ध प्रक्रिया चलाने का आरोप
00 भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण रोस्टर और आयु सीमा नियमों की अनदेखी
जगदलपुर। शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय, बस्तर, जगदलपुर में 59 शैक्षणिक पदों की भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव को पद से हटाने की मांग उठी है। शिकायतकर्ता रंजेश सिंह ने राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति को 29 अप्रैल को विस्तृत पत्र सौंपकर भर्ती में हुई गड़बड़ियों की विस्तृत जानकारी दी है और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के सेटअप में स्वीकृत पदों में बिना संशोधन किए ही रोस्टर तैयार कर विज्ञापन जारी कर दिया गया। व्याख्याता के चार पदों को सहायक प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक के एक पद को सह प्राध्यापक में परिवर्तित कर दिया गया, जबकि इसके लिए शासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। शिकायतकर्ता ने मांग की है कि इस भर्ती प्रक्रिया को तत्काल निरस्त कर शासन स्तर पर जांच समिति गठित की जाए। साथ ही विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 52 के तहत कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव को पद से हटाया जाए।
00 एक अभ्यर्थी के लिए रोकी गई प्रक्रिया?
एक संविदा सहायक प्राध्यापक रश्मि देवांगन के पीएच.डी. अवार्ड नहीं होने के कारण अक्टूबर 2023 में भर्ती प्रक्रिया को स्थगित किया गया। फरवरी 2024 में उन्हें पीएच.डी. डिग्री प्राप्त होने के बाद प्रक्रिया पुनः शुरू की गई, जिससे उनके लिए नियमों में ढील देने की आशंका जताई जा रही है।
00 बिना स्क्रूटिनी समिति के सूची जारी
शिकायत में कहा गया है कि आवेदनों की जांच बिना विषय विशेषज्ञों और स्क्रूटिनी समिति की बैठक के कराई गई और पात्र-अपात्र अभ्यर्थियों की सूची में बार-बार बदलाव किए गए। साथ ही अधिकतम आयु सीमा में नियम विरुद्ध छूट दी गई।
00 अलाइड विषयों में दोहरा मापदंड
विश्वविद्यालय द्वारा रिलीवेंट/अलाइड विषयों की कोई स्पष्ट सूची जारी नहीं की गई, जिससे कुछ विषयों में सह विषय को मान्यता दी गई तो कुछ में नहीं। इससे कई योग्य अभ्यर्थी चयन प्रक्रिया से वंचित रह सकते हैं।
00 इन पदों पर भर्ती के लिए निकला है विज्ञापन
बस्तर विश्वविद्यालय में प्राध्यापक, सह प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक पदों की भर्ती को लेकर अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। प्राध्यापक के 10 में से 10 पद रिक्त हैं, सह प्राध्यापक के 20 में से 18 पद खाली हैं, जिनमें से केवल 19 पदों की भर्ती की अनुमति मिली है। सहायक प्राध्यापक के 31 में से 27 पद रिक्त हैं, पर 30 पदों की अनुमति दी गई है। वहीं, व्याख्याता के 4 पद रिक्त होने के बावजूद कोई स्वीकृति नहीं मिली है। आरोप है कि यह प्रक्रिया बिना रोस्टर और नियमों के चलाई जा रही है।
रंजेश सिंह आशंका जताई हैं कि सभी परिस्थिति को देखते हुए लग रहा रश्मि देवांगन मैडम कि न्युक्ति बिजनेस मैनेजमेंट में अस्सिटेंट प्रोफेसर पद पर न्युक्ति तय लग रहा परिणाम आते ही सच्चाई सबके सामने होंगी…
रंजेश सिंह प्रदेश सचिव एनएसयूआई ने लगाया शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय में भर्ती में घोटाले का आरोप, कुलपति को हटाने की मांग
