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Sat. May 31st, 2025

शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय में भर्ती घोटाला, एनएसयूआई प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने उच्च शिक्षा सचिव से मुलाकात की शिकायत, जांच और कार्रवाई का आश्वासन मिला

बिलासपुर। एनएसयूआई प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय, बस्तर जगदलपुर में 59 शैक्षणिक पदों पर हुई भर्ती प्रक्रिया में व्यापक गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का मामला उच्च शिक्षा विभाग के सचिव एस. भारतीदासन के समक्ष रखा। मंत्रालय, महानदी भवन में हुई मुलाकात में रंजेश सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव और तत्कालीन कुलसचिव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। सचिव ने जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। रंजेश सिंह ने बताया कि 5 अक्टूबर 2023 को 59 पदों के लिए विज्ञापन जारी हुआ था। 5 मई से 23 मई 2025 तक 11 विषयों में से 5 विषयों के साक्षात्कार कराए गए। इसके बाद 24 मई 2025 को कुल 10 उम्मीदवारों को सहायक प्राध्यापक पदों पर नियुक्त किया गया, लेकिन मेरिट सूची और चयन सूची जारी नहीं की गई। इससे साक्षात्कार देने वाले अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया की पूरी जानकारी नहीं मिल सकी।

00 स्वीकृत पदों और विज्ञापन में असंगतियां

उच्च शिक्षा विभाग से मिली अनुमति में 59 पद थे, जिनमें प्राध्यापक 10, सह प्राध्यापक 19 और सहायक प्राध्यापक 30 पद शामिल थे। पर विश्वविद्यालय ने सह प्राध्यापक पदों में 1 और सहायक प्राध्यापक पदों में 3 अतिरिक्त पद विज्ञापन में डाल दिए। बी.एड विभाग के 4 व्याख्याता पदों की भर्ती के लिए अनुमति नहीं मिली थी, फिर भी इन्हें भर्ती में शामिल किया गया।

00 आरक्षण और आयु सीमा नियमों का उल्लंघन

कुलपति और कुलसचिव द्वारा गलत आरक्षण रोस्टर तैयार किया गया। साथ ही विज्ञापन में आयु सीमा में छूट के नियमों का उल्लंघन करते हुए अधिक आयु वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल किया गया, जबकि शासन से अनुमति नहीं मिली थी। इससे कई पात्र अभ्यर्थियों को आवेदन का मौका नहीं मिला। भर्ती में अभ्यर्थियों से 20 से 30 लाख रुपए की रिश्वत लेने की शिकायतें आई हैं। रंजेश सिंह ने पहले भी 29 अप्रैल 2025 को सचिव को ई-मेल कर शिकायत की थी, लेकिन कुलपति और कुलसचिव ने कार्रवाई न करते हुए साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू कर दी।

00 कुलपति व कुलसचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग

एनएसयूआई ने कुलपति और कुलसचिव को निलंबित कर हटाने और दोषियों के खिलाफ विभागीय जांच कराने की मांग की है। साथ ही विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार, प्रशासनिक और वित्तीय कुप्रबंधन की भी गहन जांच की मांग की गई है। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्यवाही करते हुए,
शीघ्र जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

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