Breaking
Sun. Dec 22nd, 2024

30 सितंबर तक 70 वार्ड में 18 ओबीसी सीट सर्वे समय पर पूरा नहीं तो सभी सीट हो जाएंगे सामान्य


निगम चुनाव से पहले सभी वार्डों में सर्वे करने पहुंचेगें बीएलओ
00 सुप्रीम कोर्ट के गाईडलाइन का करना होगा पालन, अफसरों को दी जा रही ट्रेनिंग
6 सितंबर से होगी शुरूवात बूथ लेवल में मतदाता सूची के आधार पर बनेगें आकड़े


बिलासपुर। नगर निगम चुनाव से पहले शहर के सभी 70 वार्डों में ओबीसी सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए निगम प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। यह सर्वे प्रदेश के सभी जिलों में हो रहा है। यदि तय समय पर सर्वे कर रिपोर्ट शासन को नहीं भेजी गई तो निगम के सभी ओबीसी सीट पर जातिगत आरक्षण न देते हुए उसे सामान्य कर दिया जाएगा। वर्तमान में बिलासपुर नगर निगम में 70 वार्ड है। यहां ओबीसी सीट 18 है। जिसमें 6 महिला और 12 पुरूष पार्षद है। ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बिलासपुर सहित अन्य शहरों के नगरीय निकाय चुनाव पर बड़ा पेंच आ गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग के डेटा बिना यहां चुनाव के लिए आरक्षण नहीं किया जा सकता। रा’य सरकार ने रा’य पिछड़ा वर्ग आयोग को ओबीसी का सर्वे करने के लिए &0 सितंबर तक का समय दिया है। तय समय में तक सर्वे होने के बाद सरकार आरक्षण का निर्णय लेगी। यदि समय पर नोटिफिकेशन जारी हो जाता है तो दिसंबर में ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव हो सकेंगे। आरक्षण की ये प्रक्रिया तय समय में नहीं हुई तो सरकार को बिना ओबीसी आरक्षण ही चुनाव कराने पड़ेगे। यानी निगम की सभी 18 ओबीसी सीट सामान्य हो जाएगी। इससे बड़ा बवाच मच सकता है। ऐसी दशा में सरकार के पास चुनाव टालने का ही विकल्प रहेगा। हालांकि इसके लिए भी सरकार को कानून में संशोधन करना पड़ेगा।


00 बूथ लेवल के मतदाता सूची पर होगा सर्वे
बिलासपुर समेत राज्य के विभिन्न नगर निगमों का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है। 15 जनवरी तक नई कार्यकारिणी का गठन हो जाना चाहिए। पिछले सभी निगम चुनाव इसी तय समय पर हुए हैं। उस समय ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं था। अभी सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है कि नगरीय निकायों में ओबीसी के वास्तविक आंकड़ों के आधार पर ही आरक्षण लागू किया जाए। ऐसे में नगर निगम बिलासपुर ने सर्वे की तैयारी पूरी कर ली है। यह सर्वें बूथ लेवल पर मतदाता सूची के आधार पर किया जाएगा।
परिसीमन इसलिए आरक्षण जरूरी
रा’य सरकार ने इस साल नगरीय निकाय का नए सिरे से परिसीमन कराया है। इसलिए आरक्षण भी नए सिरे से किया जाना है। बिलासपुर निगम के परिसीमन का अंतिम प्रकाशन हो चुका है। हालांकि परिसीमन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। इस संबंध में कोर्ट का फैसला नहीं आया है। निगम में जनप्रतिनिधियों का कार्याकाल खत्म होने वाला है। ऐसे में हाईकोर्ट से स्टे मिलना भी अब मुश्किल लग रहा है। इसलिए अफसर यह तय मान रहे हैं कि बिलासपुर में नए परिसीमन के अनुसार ही चुनाव होंगे। इस परिसीमन पर चुनाव होंगे तो आरक्षण भी नए सिरे से होगा।


ऐसे समझें ओबीसी सर्वें का पूरा मामला
राज्य में जनसंख्या के आधार पर एससी, एसटी का आरक्षण 23 प्रतिशत लागू है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता। अब यह गणना करनी है कि संबंधित नगरीय निकाय में ओबीसी की जनसंख्या कितनी है। रा’य में ओबीसी का आरक्षण 27 फीसदी लागू है। यदि किसी नगरीय निकाय में ओबीसी 27 फीसदी से कम है तो आरक्षण भी उसी के अनुसार तय होगा। जैसे 20 प्रतिशत ओबीसी हैं तो एससी-एसटी मिलाकर कुल आरक्षण 4& फीसदी हो रहा है। इस स्थिति में 7 प्रतिशत वार्ड जनरल में चले जाएंगे। इससे ओबीसी की सीटें कम हो जाएंगी। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ओबीसी के वास्तविक टेडा जरूरी है।


00 एसटी की 4 और एससी के 11 सीट आरक्षित
छग नगर पालिक अधिनियम 1961 की धारा 29 की उपधारा 1 के अनुसार एसटी, एससी आरक्षित वार्ड की संख्या संबंधित नगर निगम में एसटी, एससी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे। बिलासपुर नगर निगम में अभी वर्तमान में एससी के लिए 11 और एसटी के लिए 4 वार्ड आरक्षित हैं। ओबीसी के 18 पार्षद है। आरक्षण के लिए एससी, एसटी और ओबीसी की जनसंख्या प्रतिशत को आधार माना जाएगा। जनसंख्या की नई जनगणना नहीं होने के कारण 2011 की जनगणना को ही आधार माना जाएगा।


निगम में आरक्षित सीटों की संख्या
निगम में कुल 70 सीट
ओबीसी सीट 18
ओबीसी महिला 6
ओबीसी पुरूष 12
एसटी सीट 4
एसटी महिला 1
एसटी पुरूष 3
एससी सीट 11
एससी महिला 4
एससी पुरूष 7
सामान्य सीट 37
सामानय महिला 12
सामान्य पुरूष 25

Spread the love

Related Post