बिलासपुर – मस्तूरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हाल ही में सामने आए घोटाले ने एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया है। एक सरकारी कर्मचारी द्वारा झोलाछाप डॉक्टर से ऑनलाइन रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। यह घटना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में भरोसे को कम करती है बल्कि आम जनता के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच को भी बाधित करती है।
रिश्वत का यह मामला बिलासपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मस्तूरी कि है जहाँ झोलाछाप डॉक्टर द्वारा अपने क्लीनिक चलाने के एवज़ में लगभग 50 हज़ार रुपए रिश्वत के तौर पर सी एच सी मस्तूरी के कर्मचारी को दी है। बताते चले कि मस्तूरी में झोलाछाप डॉक्टरों कि लम्बी सूची है जिसकी जानकारी वहाँ के बी एम ओ को है लेकिन सबकी अपनी अपनी सेटिंग है और कार्य अनुसार भुगतान लिया जा रहा है। हाल ही में डायरिया से हुई मौतों की वजह से जहां मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है, वहीं दूसरी ओर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मस्तूरी के एक कर्मचारी द्वारा झोलाछाप डॉक्टर से ऑनलाइन रिश्वत लेने का मामला सामने आना बेहद चौंकाने वाला है। यह घटना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में भरोसे को कम करती है बल्कि आम जनता के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच को भी बाधित करती है। यह पहला मामला नहीं है जिसमें इस तरह रिश्वत की बात सामने आयी है पर खुद को फसने से बचाने के लिए ऑनलाइन भुगतान से रिश्वत लेना जिले में हो सकता है की पहला मामला हो।
स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर भी पहुँचता है हिस्सा – स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर में रिश्वतखोरी बिलासपुर के स्वास्थ्य विभाग में रिश्वतखोरी का मामला भी कई बार सामने आ चूका है। जिसमें विभाग के एक कर्मचारी द्वारा मस्तूरी के झोलाछाप डॉक्टर को यहाँ से टीम भेज कर चमकाने और पैसे की मांग की जा चुकी है। जिसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर में अटैच कर्मी से बी एम ओ द्वारा की गयी थी इस पुरे मामले को आनन फानन में निपटाया गया।