बिलासपुर। कोटा ब्लॉक में लगातार 7 लोगों की झोलाछाप के इलाज से मौत के बाद अब यहां ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी एक्शन मोड़ पर आ गए है। अफसरों को झोलाछाप की लिस्ट देने के बाद अब प्रतिदिन बीएमओ डॉ.निखलेश गुप्ता क्षेत्र में इन्हें खोजन निकल रहे है। बुधवार को बीएमओ डॉ.गुप्ता चपोरा सेक्टर के अंदर सेमरा गांव में पहुंचे यहां बीएमओ को आते देख एक झोलाछाप खेत की ओर भागने लगा। बीएमओ ने धान लगे खेत में दौडक़र झोलाछाप को पकड़ लिया। इस दौरान उसके क्लीनिक से एलोपैथी दवाओं के साथ ड्रीप चढ़ाने की समाग्री भी जब्त की। बुधवार को बीएमओ डॉ.गुप्ता ने ६ झोलाछाप को पकड़ा। इसमें चपोरा और सेमार में घूम-घूमकर उपचार करने वाले उमेश भास्कर, शोभा, राजकुमार साहू, दिलीप साहू, प्रेमचंद जायसवाल और कुमार सिंह राजपूत को पकडक़र उन्हें चेतावनी दी की दोबार क्षेत्र के गांवों में इसतरह घूम-घूमकर यदि लोगों का इलाज किया तो थाने में एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी। चेतावनी देने के साथ ही इनके पास मिले दवाओं और उपकरणों को जब्त कर लिया गया है।
जिले में 500 से अधिक झोलाछाप कर रहे इलाज
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था का बहुत बुरा हाल है। ऐसे में कई पीएससी मे कर्मचारियों के नहीं होने से वहां ताला तक लटक रहा है। ऐसे में इन क्षेत्रों के गांवों में झोलाछाप सक्रिय है। 2014 में इनके इलाज के कारण एक बच्चे की मौत के बाद जब हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था तो उस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया था कि बिलासपुर जिले के चारों ब्लॉक में 500 से अधिक झोलाछाप इलाज कर रहे है। लेकिन आज तक इनपर कार्रवाई नहीं हो पाई है।