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पारस पावर कोल से गांव में खुले में कोयला भंडारण, धूल के साथ प्रदूषण का खतरा


जनसुनवाई रद्द करने की मांग को लेकर सशक्त महिला महासंघ ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन


बिलासपुर। सशक्त महिला महासंघ घूटकू ने 13 दिसंबर को होने वाली पारस पावर कोल बेनीफेसरी प्राइवेट लिमिटेड की जनसुनवाई के रद्दीकरण की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। महासंघ का आरोप है कि जनसुनवाई के दौरान पारस पावर द्वारा पेश किए गए तथ्यों में कई गंभीर विसंगतियां हैं, जो पर्यावरणीय प्रभावों और कानूनी प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हैं। कलेक्टर से मांग करते हुए महासंघ के सदस्यों ने बताया कि पारस पावर द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क का उपयोग भारी वाहनों के लिए किया जा रहा है, जबकि यह सड़क भारी वाहनों के लिए प्रतिबंधित है। इसके अलावा, यह सड़क किसानों द्वारा दान की नहीं गई है और न ही उन्हें मुआवजा प्राप्त हुआ है, जिससे इस सड़क का उद्योग के लिए उपयोग असंवैधानिक है। महासंघ ने यह भी आरोप लगाया कि संबंधित विभाग से सड़क चौड़ीकरण के लिए कोई स्वीकृति नहीं ली गई है। महिला महासंघ का कहना है कि यदि प्रशासन इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं करता है, तो वे एन.जी.टी. और उच्च न्यायालय का रुख करेंगे। महासंघ ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी मुख्य चिंता ग्रामीणों के स्वास्थ्य और पर्यावरणीय सुरक्षा को लेकर है।

पारस कोल के चलते पर्यावरण हो रहा प्रदूषित
सशक्त महिला महासंघ ने 19 फरवरी 2024 को एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा की गई शिकायत का हवाला देते हुए बताया कि पर्यावरणीय जांच टीम ने पारस पावर कोल उद्योग में कई गंभीर पर्यावरणीय दोष पाए थे। इनमें जल प्रदूषण, खुले में कोयला भंडारण, टूटी हुई बावड़ियां और 8-10 एकड़ में धूल का जमाव जैसी समस्याएं शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरे का कारण बन रही हैं। महासंघ ने कलेक्टर से जनसुनवाई को तत्काल रद्द करने और उद्योग के खिलाफ गहरी जांच की मांग की है, ताकि ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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